Warning: Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/gaathaon/public_html/wp-content/plugins/gathaa-api/index.php:1) in /home/gaathaon/public_html/wp-content/plugins/all-in-one-seo-pack/app/Common/Meta/Robots.php on line 74

Warning: Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/gaathaon/public_html/wp-content/plugins/gathaa-api/index.php:1) in /home/gaathaon/public_html/wp-includes/feed-rss2.php on line 8
Kanpupriya | Gaatha https://gaathaonair.com Listen to your favourite stories, poems, kid's stories, and many more..Anytime Anywhere. Tue, 23 Aug 2022 11:50:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.5.14 https://gaathamedialibrary.s3.ap-south-1.amazonaws.com/gaatha/wp-content/uploads/2020/07/03184520/gaatha-logo-1-2.png Kanpupriya | Gaatha https://gaathaonair.com 32 32 Samapan https://gaathaonair.com/audios/samapan/ https://gaathaonair.com/audios/samapan/#respond Thu, 18 Aug 2022 14:57:56 +0000 https://gaathaonair.com/?post_type=video_skrn&p=98757 समापन – भाग -5 Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये समापन है कनु की प्रिया जिसके हृदय में प्रतिक्षण कनु ही व्याप्त रहता है, ऐसी कनुप्रिया सम्पूर्ण रचना में छाई हुई है. राधा को कभी कनु अपना अन्तरंग सखा लगता है तो कभी रक्षक, कभी लीला बन्धु कभी आराध्य और कभी […]

The post Samapan first appeared on Gaatha.

]]>
समापन – भाग -5

Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये समापन है

कनु की प्रिया जिसके हृदय में प्रतिक्षण कनु ही व्याप्त रहता है, ऐसी कनुप्रिया सम्पूर्ण रचना में छाई हुई है. राधा को कभी कनु अपना अन्तरंग सखा लगता है तो कभी रक्षक, कभी लीला बन्धु कभी आराध्य और कभी लक्ष्य.
कनुप्रिया के समापन में राधा कृष्ण की पुकार की प्रतीक्षा में जन्मांतरों की अनंत पगडंडी के कठिनतम मोड़ पर अडिग खड़ी है!
जन्मांतरों से, जन्मांतरों तक…
चलिए गाथा पर सुनते हैं कनुप्रिया का समापन, पल्लवी की आवाज़ में

The post Samapan first appeared on Gaatha.

]]>
https://gaathaonair.com/audios/samapan/feed/ 0
Itihaas https://gaathaonair.com/audios/itihaas/ https://gaathaonair.com/audios/itihaas/#comments Thu, 18 Aug 2022 14:57:29 +0000 https://gaathaonair.com/?post_type=video_skrn&p=98774 इतिहास खण्ड –  भाग -4 Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये चतुर्थ खंड है इतिहास खंड में 7 कविताएँ हैं। महाभारत का युद्ध समापन की ओर है। राधा, आम्र मंजरी से अपनी मांग भरे, उसी अशोक वृक्ष के नीचे खड़ी प्रतीक्षा कर रही है की महाभारत की अवसान बेला में, अपनी […]

The post Itihaas first appeared on Gaatha.

]]>
इतिहास खण्ड –  भाग -4

Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये चतुर्थ खंड है
इतिहास खंड में 7 कविताएँ हैं।
महाभारत का युद्ध समापन की ओर है।
राधा, आम्र मंजरी से अपनी मांग भरे, उसी अशोक वृक्ष के नीचे खड़ी प्रतीक्षा कर रही है की महाभारत की अवसान बेला में, अपनी अठारह अक्षोहिणी सेनाओं के विनाश के बाद, खिन्न, उदासीन और आहत कृष्ण, अगर वापस आये, तो वो पुनः उन्हें नन्हे बालक सा अपने आँचल में समेट लेगी
सम्पूर्ण रचना राधा के आधार पर चलती है, परन्तु वह प्रश्नों के माध्यम से आधुनिक नारी की मानसिकता को भी व्यक्त करती है

अस्तित्व की समस्या, युद्ध की समस्या को कहीं कहीं व्यंग्य और मानवीकरण के रूप में उठाया गया है इन् कविताओं में

चलिए गाथा पर सुनते हैं कनुप्रिया का तृतीय खंड- सृष्टि संकल्प, पल्लवी की आवाज़ में

The post Itihaas first appeared on Gaatha.

]]>
https://gaathaonair.com/audios/itihaas/feed/ 2
Srishti Sankalp https://gaathaonair.com/audios/srishti-sankalp/ https://gaathaonair.com/audios/srishti-sankalp/#respond Thu, 18 Aug 2022 14:55:29 +0000 https://gaathaonair.com/?post_type=video_skrn&p=98740 सृष्टि संकल्प – भाग -3 Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये तृतीय खंड है सृष्टि संकल्प में तीन कविताएँ हैं कृष्ण जा चुके हैं राधा विरह के दर्द से उद्वेलित है। वो नही समझ पा रही है कि अगर वो अपने कनु के मन में बसती है, और निखिल सृष्टि वो […]

The post Srishti Sankalp first appeared on Gaatha.

]]>
सृष्टि संकल्प – भाग -3

Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये तृतीय खंड है
सृष्टि संकल्प में तीन कविताएँ हैं
कृष्ण जा चुके हैं
राधा विरह के दर्द से उद्वेलित है। वो नही समझ पा रही है कि अगर वो अपने कनु के मन में बसती है, और निखिल सृष्टि वो खुद है, यदि महासाग, हिमशिखर, मेघ घटाएं, सबमें वो ही व्याप्त है, तो फिर वो एकांत में भयभीत क्यों हो जाती है?
राधा विरह के क्षणों में वेदना से, आग्रह से, दर्द से अपने कनु को बार बार यही ज्ञात करने में प्रयत्नशील रहती है कि समस्त सृष्टि में बस राधा है और उसका कनु

राधा का मानसिक उद्वेलन व द्वंद अत्यंत खूबसूरती से इन तीनो कविताओं से व्यक्त होता है

The post Srishti Sankalp first appeared on Gaatha.

]]>
https://gaathaonair.com/audios/srishti-sankalp/feed/ 0
Manjri Parinay https://gaathaonair.com/audios/manjri-parinay/ https://gaathaonair.com/audios/manjri-parinay/#respond Thu, 18 Aug 2022 14:55:04 +0000 https://gaathaonair.com/?post_type=video_skrn&p=98723 मंजरी परिणय – भाग -2 Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये द्वितीय खंड है मंजरी परिणय में तीन कविताएँ है। इन कविताओं में, राधा के प्रश्नों का, कनु की व्याकुलता का, निजता के द्वंद का; मन को द्रवित करने वाला बेहद सुंदर चित्रण है। राधा, कृष्ण के चले जाने के पश्चात, […]

The post Manjri Parinay first appeared on Gaatha.

]]>
मंजरी परिणय – भाग -2

Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये द्वितीय खंड है
मंजरी परिणय में तीन कविताएँ है।
इन कविताओं में, राधा के प्रश्नों का, कनु की व्याकुलता का, निजता के द्वंद का; मन को द्रवित करने वाला बेहद सुंदर चित्रण है।
राधा, कृष्ण के चले जाने के पश्चात, विव्हल हो कर स्मरण करती है कि किस प्रकार आम्र बौर के नीचे खड़े हो, कनु उसकी प्रतीक्षा करते थे, परंतु लोक लाज से बंधी राधा अपने कनु के पास उस क्षण नही पहुंच पाती थी।
कनु का आम्र बौर की मंजरी से राधा संग परिणय कर लेना, राधा का बेचैन हो जाना और अपने कनु के समीप न आ पाने की व्यथा बताना। और आम्र बौर का ठीक ठीक अर्थ न समझ पाने में अपनी असमर्थता दिखाना… फिर कनु से मासूमियत से पूछ लेना… की तुम मेरे कौन हो ?
मंजरी परिणय की कविताएँ प्रेम में पड़ी राधा की आकुलता का सुंदर चित्रण है

चलिए गाथा पर सुनते हैं कनुप्रिया का द्वितीय खंड- मंजरी परिणय, पल्लवी की आवाज़ में

The post Manjri Parinay first appeared on Gaatha.

]]>
https://gaathaonair.com/audios/manjri-parinay/feed/ 0
Purvraag https://gaathaonair.com/audios/purvraag/ https://gaathaonair.com/audios/purvraag/#respond Thu, 18 Aug 2022 14:54:33 +0000 https://gaathaonair.com/?post_type=video_skrn&p=98699 पूर्वराग – भाग -1 Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये प्रथम खंड है पूर्वराग के पांचों गीत राधा के निश्चल मन की सम्वेदना को प्रकट करते हैं. भोली राधा, प्रतीक्षा में खड़े छायादार अशोक वृक्ष से असमंजस्य से पूछती है कि वह क्यों उसकी, यानी कनुप्रिया की प्रतीक्षा में कई जन्मों […]

The post Purvraag first appeared on Gaatha.

]]>
पूर्वराग – भाग -1

Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये प्रथम खंड है
पूर्वराग के पांचों गीत राधा के निश्चल मन की सम्वेदना को प्रकट करते हैं.
भोली राधा, प्रतीक्षा में खड़े छायादार अशोक वृक्ष से असमंजस्य से पूछती है कि वह क्यों उसकी, यानी कनुप्रिया की प्रतीक्षा में कई जन्मों से पुष्पहीन खड़े हैं? राधा के सौन्दर्य, नारी सुलभ लज्जा एवं पुलक का खूबसूरत चित्रण है.
कनु अर्थात कृष्ण का प्रेम आत्मा का प्रेम है, समर्पण का प्रेम है.

इन गीतों में राधा के प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति है. राधा के प्रेम में निश्छल भावनाओं की स्थिति है. प्रकृति के कण कण में कनु की छवि देखना, यमुना में नहाते समय कृष्ण को निहारना, गृहकार्य से अलसाकर कदम्ब की छांह में शिथिल अनमनी पड़ी रहना- जैसे अनेक भाव प्रेषण चित्रण इन गीतों में झिलमिलाए हैं.

चलिए गाथा पर सुनते हैं कनुप्रिया का पहला खंड पूर्वराग, पल्लवी की आवाज़ में

The post Purvraag first appeared on Gaatha.

]]>
https://gaathaonair.com/audios/purvraag/feed/ 0
Kanupriya https://gaathaonair.com/audios/kanupriya-2/ https://gaathaonair.com/audios/kanupriya-2/#respond Thu, 18 Aug 2022 14:51:03 +0000 https://gaathaonair.com/?post_type=video_skrn&p=98672 https://gaathaonair.com/audios/kanupriya-2/feed/ 0